B.T.M. Bangalore के रिहायशी इलाकों में से एक है |हरियाली और वातावरण की वजह से लोग यहां रहना पसंद करते हैं|
लेकिन नीचे दिये गया चित्र कुछ और ही बयां करता है |यह नजारा भी B.T.M. का ही है और मेरे घर से कुछ ही दूरी पर है|
कूडा-कचरा सडक के बीचों बीच फैला हुआ है जो आने जाने का रास्ता है सुबह नगर निगम की गाडी आती है और सारा कचरा लेकर जाती है लेकिन शाम तक फिर इकठ्ठा हो जाता है|
मैं भी देख रहा था कुछ दिनों से पर आलस कर रहा था लेकिन आज मन नहीं माना और एक कागज की शीट पर कचरा न फेंकने की नसीहत लिखकर लगा दिया वहीं एक वृक्ष पर|
लेकिन नीचे दिये गया चित्र कुछ और ही बयां करता है |यह नजारा भी B.T.M. का ही है और मेरे घर से कुछ ही दूरी पर है|
कूडा-कचरा सडक के बीचों बीच फैला हुआ है जो आने जाने का रास्ता है सुबह नगर निगम की गाडी आती है और सारा कचरा लेकर जाती है लेकिन शाम तक फिर इकठ्ठा हो जाता है|
मैं भी देख रहा था कुछ दिनों से पर आलस कर रहा था लेकिन आज मन नहीं माना और एक कागज की शीट पर कचरा न फेंकने की नसीहत लिखकर लगा दिया वहीं एक वृक्ष पर|
अब रास्ते पर कूडा कचरा पसरा होना किसकी गलती है?
सरकार की?
कतई नहीं|
नगरपालिका की?
बिल्कुल नहींं|
रोज सुबह गाडी आती है और कचरा एकत्रित करती है
ये समस्या समाज की है और सामाजिक स्तर पर ही हल होनी चाहिये तो इसके लिये सिर्फ वो जिम्मेदार नहीं हैं जो वहां कचरा फेंक रहे हैं बल्कि वो भी हैं जो देख रहे हैं और नजरअंदाज कर रहे हैं और उनमें मैं भी शामिल हूं ये सब पिछले कई महीनों से चल रहा है मैं क्यूं हर बार आलस करता हूं | यानी कि मुझे पता है कि ये गलत है फिर भी उसे रोकने में कई महीने लगा देता हूं |
किसी भी देश के सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिये जितनी अहम राजनीति है उतना ही अहम समाज भी| आम सामाजिक समस्याएं राजनीतिक स्तर पर हल नहीं की जातीं |
अब अगर कल को स्वच्छ भारत अभियान के वांछित परिणाम नहीं दिखेंगे तो उंगली उठाई जाएगी सरकार पर कि इम्प्लीमेंटेशन नहीं किया,नगर निगम कामचोर है,ब्यूरोक्रेसी सो रही है इत्यादि |
स्वच्छ भारत अभियान राजनीतिक नहीं सामाजिक पहल है और उसके लिये जनभागीदारी आवश्यक है जो कि फिलहाल कहीं दिख नहीं रही है|
बहरहाल, देखते है इस तरीके से स्थिति में कितने फर्क आता है| अगर ये उपाय कारगर साबित नहीं हुआ तो कुछ और करना पडेगा| लोगों में पढ कर भी चेतना जागृत नही ं हुई तो फिर तो ऐसा ही चलता रहेगा |
जनभागीदारी के बिना स्वच्छता का सबक सरकार कब तक बांचेगी
न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी
बहुत सही लिखा है . गन्दगी फैलाने का काम अधिकांशतः आसपास के लोग ही करते हैं .
ReplyDeleteबहुत सही लिखा है . गन्दगी फैलाने का काम अधिकांशतः आसपास के लोग ही करते हैं .
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